अपील की तो छह साल बाद मिला न्याय, दोषी को एक साल की सजा

गुना। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गुना अश्वाक अहमद खान ने उनके न्यायालय में प्रचलित अपील में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित दोषमुक्ति के आदेश को पलटते हुए अनिल पुत्र अजय सिंह परिहार निवासी कंचनपुरा थाना कैंट गुना को दोषी माना है। कोर्ट ने इसे भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्ना धाराओं में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और 3 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अधिवक्ता अलंकार वशिष्ठ ने बताया कि 7 फरवरी 2014 को पुलिस पेट्रोल पम्प के सामने आरोपित ने ट्रैक्टर क्रमांक एमपी 08 एबी 8699 को तेजी व लापरवाही से चलाकर हेमंत माहेश्वरी की एक्टिवा में पीछे से टक्कर मार दी थी। इससे एक्टिवा चालक हेमंत माहेश्वरी की मौत हो गई थी तथा अलंकार वशिष्ठ की बेटी गम्भीर रूप से घायल हो गई थी। पुलिस ने आरोपित के विरुद्घ अपराध पंजीबद्घ कर विवेचना के बाद न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। अधीनस्थ ज्यायालय जेएमएफसी गुना साक्षियों के साक्ष्य और अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष के तर्कों के बाद संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया था। इस दोषमुक्ति के निर्णय के विरुद्घ शासन की ओर से डीपीओ कार्यालय द्वारा कोई अपील प्रस्तावित नहीं की गई थी। इसलिए व्यक्तिगत रूप से अपील की गई। अपील न्यायालय ने उपरोक्त आधारों पर आरोपित पर दोषसिद्घ किया।


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