ग्वालियर । बैंकिंग सेक्टर के कर्मचारी काम की अधिकता और तनाव के चलते हृदयरोगी बन रहे हैं। जिसके चलते अब बैंक कर्मियों को भी डीएम कार्डिक डॉक्टर की आवश्यकता महसूस की जा रही है। हालांकि एक कार्डिक डॉक्टर को बैंक में पदस्थ करने की लंबे समय से बैंक एसोसिएशन द्वारा मांग की जा रही है। काम के तनाव के चलते करीब 30 प्रतिशत लोग हृदयरोग से ग्रस्त हैं। इन्हें बेहतर और असमय इलाज मिल सके इसके लिए कार्डिक डॉक्टर पदस्थ हो। हालांकि कर्मचारियों की सुविधा के लिए पहले से ही एसबीआई के जोनल ऑफिस में स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है। जहां मौजूदा कर्मचारी, रिटायर्ड और उनके परिजनों को इलाज दिया जाता है। लेकिन हृदयरोग से ग्रस्त मरीजों को लेकर परेशानी उठानी पड़ती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अब बैंक में दो घंटे डीएम कार्डिक डॉक्टर तैनात किया जाएगा। जिसके लिए हाल ही में एसबीआई के माध्यम से एक विज्ञप्ति भी जारी की गई है। इससे कर्मचारियों के साथ-साथ बैंक में पहुंचने वाले ग्राहक को यदि हृदयघात होता है तो उसे भी स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा।
शहर में 12 कार्डिक डीएम डॉक्टर ही मौजूद
हृदयरोग तेजी से लोगों में घर कर रहा है। जिसके चलते कार्डिक डॉक्टर की आवश्यकता भी बढ़ रही है। शहर में केवल 12 डीएम कार्डिक डॉक्टर ही मौजूद हैं। ऐसे में बैंक में दो घंटे की सेवा देने के लिए मुश्किल ही कि कोई डीएम कार्डिक डॉक्टर उपलब्ध हो सके। सिटी सेंटर स्थिति एसबीआई के जोनल ऑफिस की डिस्पेंसरी में दंत चिकित्सक, ईनटी व एक मेडिकल ऑफिसर पहले से ही तैनात है।
अस्पताल संख्या
जयारोग्य 03
अपोलो 03
बिरला 03
सिम्स 02
कल्याण 01
ग्राहकों को भी मिलेगा लाभ
बैंक में चल रही स्वास्थ्य सेवा केवल बैंक कर्मचारियों व उनके परिजनों के लिए ही है। लेकिन यदि किसी ग्राहक को बैंक में काम करने के दौरान हृदयघात होता है तो उसे बिना समय गंवाए कार्डिक डॉक्टर की सुविधा मिल पाएगी।
वर्तमान समय में हृदयरोग तेजी से फेल रहा है। जिसके चलते शहर व आसपास के क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारी और पेंशनरों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। जिसको लेकर हृदयरोग से संबंधित स्पेशलिस्ट की मांग एसोसिएशन द्वारा की जा रही थी। जिसे बैंक ने मान लिया है इससे सभी को राहत मिलेगी।
अवधेश अग्रवाल, उपमहासचिव, भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ ग्वालियर-अंचल