बेडरोल बन सकते हैं संकट, 30 दिन में धुलते हैं कंबल

ग्वालियर । देश में कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट घोषित हो चुका है। रेलवे भी सतर्कता बरतने का दावा कर रही है। लेकिन ट्रेनों में यात्रियों को दिया जाने वाला बेडरोल बड़ा खतरा साबित हो सकता है। क्योंकि चादर, बेडशीट तो फिर भी धुल जाते हैं, लेकिन कंबल की 30 दिन में एक बार धुलाई होती है। एक कंबल को 40 लोग बिना धुलाई उपयोग करते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। उधर कोरोना वायरस को लेकर रेल कर्मचारियों में भी खौफ है, वह मास्क पहनकर काम कर रहे हैं। ट्रेनों में मांसाहारी भोजन की सप्लाई तक घट गई है।


ग्वालियर से रवाना होने वाली ट्रेनों में करीब 2 हजार कंबल चढ़ाए जाते हैं। इसी प्रकार की व्यवस्था अन्य स्टेशनों पर भी होती है, जहां मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री की व्यवस्था होती है। लॉन्ड्री में कैमिकल के माध्यम से चादर, तकिया एवं कंबल की धुलाई होती है। कोरोना वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता। लेकिन संक्रमित व्यक्ति जिस चीज को हाथ लगाएगा, उसमें वायरस आ जाएगा। इसके बाद जो भी उसे छुएगा पीड़ित होने की आशंका बढ़ जाएगी। ऐसे में ट्रेनों में दिया जाने वाला कंबल यात्रियों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। क्योंकि चादर, बेडशीट की तो समय पर धुलाई हो जाती है। लेकिन कंबलों को रोजाना धोकर सुखाना संभव नहीं होता है, इसलिए कंबलों की धुलाई 30 दिन में एक बार की जाती है। इस दौरान एक कंबल का उपयोग 40 से अधिक यात्री करते हैं। यदि किसी संक्रमित व्यक्ति ने इस कंबल का उपयोग किया तो बाद में जो यात्री इसका इस्तेमाल करेगा उसके भी बीमार होने की आशंका बन सकती है। रेलवे ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।


 

क्यों है खतराः ट्रेनों में विदेशी पर्यटक भी अच्छी खासी संख्या में सफर करते हैं। ऐसे में कंबल की धुलाई नहीं होने से संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है।


मास्क लगाकर कर रहे ड्यूटीः कोरोना वायरस का खौफ रेलवे स्टाफ में भी दिखाई दे रहा है। पूछताछ कार्यालय, आरक्षण कार्यालय में कर्मचारी मास्क लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। कर्मचारियों ने सेनेटाइजर भी रखा हुआ है। जिसका बार-बार उपयोग किया जा रहा है।


 

मांसाहारी भोजन की डिमांड घटीः शताब्दी एक्सप्रेस में ग्वालियर से भोजन चढ़ाया जाता है। पहले प्रतिदिन करीब 370 शाकाहारी थाली एवं 330 मांसाहारी थाली की सप्लाई होती थी। कोरोना वायरस के खौफ के बाद मांसाहारी भोजन की सप्लाई में कमी आई है।


एक साथ कंबलों को बदला जाना तो संभव नहीं है। लेकिन हमने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई संक्रमित है तो उसका उपयोग किया गया कंबल किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जाए। हम कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता के लिए लगातार अभियान भी चला रहे हैं। हर स्टेशन पर इस संबंध में पेम्पलेट भी बांटे जा रहे हैं, जिससे लोग अलर्ट रहें।


संदीप माथुर, डीआरएम झांसी


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