ग्वालियर। ग्वालियर से महज 120 किलोमीटर दूर आगरा में कोरोना के संदिग्ध पाए जाने के बाद शहर दहशत के साये में हैं। पर्यटन, व्यापार तो कोरोना के कारण प्रभावित हो ही रहा है। अब कोरोना की दहशत स्कूलों के क्लासरूम तक पहुंच गई है। मप्र शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में कोरोना से बताव के चलते सतर्कता बरतने के निर्देश 2 मार्च को जारी किए गए थे। 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, अब यहां आने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षाकेंद्र में प्रवेश करने से पहले कोरोना से बचने के उपाय बताए जाएं, साथ ही नोटिस बोर्ड भी लगाया जाएगा। जिले के प्राइवेट स्कूलों में कोरोना से बचने के लिए बच्चों को जागरुक किया जा रहा है। इसके लिए बच्चों को क्लास रूम में शॉर्ट फिल्म व एनिमेशन के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है। हालांकि फिलहाल स्कूलों में बच्चों का मास्क लगाना अनिवार्य नहीं हैं। हैंड सेनेटाइजर इस्तेमाल करने व बार-बार हाथ धोने की सीख बच्चों को दी जा रही है।
मास्क से साइडइफेक्ट बताने वाले संदेश भी वायरल
स्कूल संचालकों का कहना है कि बच्चों को मास्क पहनकर स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस प्रकार के आदेश भी प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई बच्चों के अभिभावक खुद डॉक्टर हैं, जो बच्चों को मास्क पहनाने य न पहनाने के लिए बेहतर फैसला ले सकते हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर मास्क पहनने के साइडइफेक्ट भी खासा वायरल हो रहे हैं।
बच्चों का मास्क पहनना अनिवार्य नहीं, हालांकि माता-पिता चाहें तो पहना सकते हैं। बच्चों को कोरोना को लेकर जागरुक किया जा रहा है।
डॉ.शबाना रिहान, प्राचार्य, लिटिल ऐंजल
कोरोना के संदर्भ में जो आदेश शासन द्वारा प्राप्त हुए हैं उनपर अमल किया जा रहा है। अब परीक्षाकेंद्रों के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। जिसके तहत सभी परीक्षाकेंद्रों के बाहर कोरोना की जानकारी देने हेतु नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे।
विकास जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी, ग्वालियर