ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 2 मार्च से शुरू हुईं हाई स्कूल, हाई सैकेंड्री की परीक्षा सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक हो रही हैं। नकल विहीन परीक्षा कराए जाने के लेकर शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन मुस्तैदी दिखा रहा है। लेकिन सभी परीक्षाओं के शुरू होने के 1 घंटा पहले ही वॉट्सएप पर संबंधित विषय का किथित प्रश्न-पत्र वायरल हो रहा है। जिसे न पुलिस, न जिला प्रशासन और न ही शिक्षा विभाग देखना चाह रहा है।
शुक्रवार को जिले के 92 परीक्षा केंद्रों में 12वीं के कुल दर्ज 25645 में से 24888 विद्यार्थियों ने भाषा (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत) की परीक्षा दी, 757 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
इस परीक्षा का हिंदी व अंग्रेजी का फर्जी प्रश्न-पत्र शुक्रवार सुबह 8ः30 बजे नईदुनिया को प्राप्त हो गया। हालांकि यह प्रश्न-पत्र भी बाकी अन्य सभी प्रश्न-पत्रों की तरह पूरी तरह से फर्जी था, जिसका मूल प्रश्न-पत्र से मिलान नहीं हो रहा था।
परीक्षा केंद्र में जानबूझ कर देरी से प्रवेश कर रहे विद्यार्थी!
गौरतलब है कि 2 मार्च से शुरू हुई 10वीं-12वीं की परीक्षा के दौरान तीसरी बार फर्जी पर्चा वायरल हुआ है। यह प्रश्न-पत्र हूबहू मूल प्रश्न-पत्र के प्रारूप में ही बने होते हैं। जिसके कारण सैकड़ों परीक्षार्थी भ्रमित होते हैं। विद्यार्थी परीक्षा शुरू होने से एन वक्त पहले केंद्रों के बाहर फर्जी प्रश्न-पत्र के उत्तर रटते हुए दिखाई देते हैं। कई बार विद्यार्थी इस फर्जी प्रश्न-पत्र के फेर में परीक्षा केंद्र में प्रवेश भी देरी से करते हैं, जिसके कारण विवाद की स्थिति उत्पन्ना होती है। वहीं दूसरी ओर इन प्रश्न-पत्रों के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ बड़ी ठगी होने की भी आशंका जताई जा रही है, जिसकी शिकायत भी विद्यार्थी नहीं कर सकते।
जिले में बना पहला नकल प्रकरण
ग्वालियर जिले में शुक्रवार को बोर्ड परीक्षा में पहला नकल प्रकरण बना। कन्या सरस्वती शिशु मंदिर जयेंद्रगंज में केंद्राध्यक्ष द्वारा नकल प्रकरण बनाया गया है। इस संबंध में तीन पर्यवेक्षक मनोज सोनी, प्रभा देवस्थली, सुनीता अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इस तरह के फर्जी प्रश्न-पत्रों के वायरल होने या अफहाव फैलने से परीक्षार्थियों का नुकसान होता है। क्योंकि वे भ्रमित हो जाते हैं। यह सायबर क्राइम का मामला है, जिसकी जांच होनी चाहिए। विद्यार्थियों को जरूरत है कि वे इस तरह की अफवाहों में न फंसे। केवल अपनी तैयारी पर ध्यान दें और पढ़ाई करें।
विकास जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी, ग्वालियर