ग्वालियर। अभी स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का परिणाम जारी नहीं हुआ है लेकिन नगर निगम प्रशासन ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की अभी से तैयारी शुरू कर दी है। निगमायुक्त संदीप माकिन ने शुक्रवार को स्वच्छता से जुड़े अधिकारियों की बाल भवन में बैठक लेकर उनसे सुझाव मांगे। स्वच्छता की मॉनीटरिंग में वार्ड स्वास्थ्य अधिकारी(डब्ल्यूएचओ) सबसे निचले स्तर की कड़ी है। इसलिए उन्होंने साहस दिखाते हुए निगमायुक्त से कह दिया कि पहले उनके काम करने के घंटे तय कर दो और संसाधन उपलब्ध करा दो। अभी कोई भी अधिकारी आता है और सस्पेंड करने की धमकी दे जाता है। डब्ल्यूएचओ की बातें सुनकर निगमायुक्त जबाव नहीं दे सके।
डब्ल्यूओ का कहना था कि सर्दी हो या बारिश, उन्हें तड़के ही क्षेत्र में पहुंचना होता है। जब साफ सफाई कराकर नहाने, खाने घर पहुंचते हैं तो कई बार लोग सड़क पर अथवा कचरा ठियों पर कचरा फेंक जाते हैं। इसी बीच यदि कोई वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचता तो डब्ल्यूओ को लापरवाह मानता है और सस्पेंड करा देता है। उन्हें यह नहीं पता कि 24 घंटे में से कितने घंटे और किस समय काम करें। दूसरी बात यह है कि कचरा लेने समय पर गाड़ियां नहीं पहुंचती। कई दिन तो गाड़ियां ही नहीं आती। नाले साफ करने या मलबा हटाने थ्रीडी मशीन नहीं मिलती। सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा के उपकरण नहीं दिए जाते। इसलिए पहले संसाधन दे दें तभी तो सफाई करा सकेंगे।
बैठक में ज्यादातर अधिकारियों ने कहा कि ईको ग्रीन की गाड़ियां क्षेत्रों में कचरा लेने नहीं पहुंच रही हैं। इससे कचरे के ढेर लगे रहते हैं। निगमायुक्त श्री माकिन ने भी ईको ग्रीन की मनमानी को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि कंपनी व्यवस्था नहीं संभाल पा रही है। उसे कई बार चेतावनी दी गई है। अब उसका अनुबंध ही निरस्त कर देंगे। अन्य अधिकारियों ने शौचालयों में केयर टेकर रखने, गलियों में कचरा लेने हाथ ठेलों के इंतजाम करने का सुझाव दिया।
चौराहा से 200 मीटर दायरे में न लगें ठेले
निगमायुक्त ने चौराहों पर लगने वाले जाम पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि वाहन खड़े होने और ठेलों के कारण अक्सर यह स्थिति बनती है। इसलिए चौराहा से 200 मीटर दायरे में कोई वाहन खड़ा न हो और हाथ ठेला नजर न आए। इससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर रहेगी।