गुना । महिला दिवस से दो दिन पहले डाक विभाग ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया है। शुक्रवार को शहर के निचला बाजार में महिला डाकघर का शुभारंभ किया। खास बात यह कि डाक संभाग के तीन जिलों में पहला महिला डाकघर गुना में खोला गया है, जहां पूरा स्टाफ महिला होगा। शुरूआत में स्टाफ के रूप में दो महिला कर्मचारी होंगी, लेकिन जल्द ही एक और महिला कर्मचारी को नियुक्त किया जाएगा।
शहर के बीच स्थित निचला बाजार स्थित पोस्ट ऑफिस को महिला डाकघर बनाने विभाग द्वारा पूर्व से तैयारियां की जा रही थीं। यह सौगात महिला दिवस पर दी जाना थी, लेकिन उस दिन रविवार अवकाश होने से दो दिन पहले शुरुआत कराई गई। इसका शुभारंभ भी महिला एसडीएम शिवानी गर्ग ने फीता काटकर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्षों से परंपरा चली आ रही है, जहां लोग बोलते हैं कि तुम लड़की हो, तुमसे नहीं बनेगा। इतना ही नहीं, कुछ नौकरियां तो ऐसी हैं, जो सिर्फ पुरुषों के लिए मानी जाती हैं और कहा जाता है कि यह काम पुरुष ही बेहतर कर सकता है। लेकिन प्रशासन और सरकारें मानती हैं कि महिलाएं हर काम कर सकती है, तो पोस्ट ऑफिस भी चला सकती हैं। यही आत्मविश्वास था, जिससे यह कॉन्सेप्ट तैयार हो पाया। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं भी महिला थी और मुझे एसडीएम की जिम्मेदारी सौंपी जा रही थी, तब कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने कान्फीडेंस दिया, तो हम बेहतर कर पाए। हमारे सीनियर यदि हमें आगे बढ़ने प्रोत्साहित करते हैं, तो कोई काम ऐसा नहीं जिसे महिलाएं न कर पाएं। इस दौरान उन्होंने महिला डाकघर में खाते खुलवाने आदि कार्य में आंगनवाड़ियों की मदद का भी भरोसा दिलाया। इससे पहले डाक अधीक्षक इंद्रकुमार लिल्हारे ने कहा कि डाक मंत्रालय से आदेश मिले थे कि अनुविभाग में एक महिला डाकघर की शुरुआत कराई जाए। इसके लिए हमने सुरक्षति स्थान के रूप में निचला बाजार का डाकघर को चुना। इसका उद्देश्य भी महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत करना है, ताकि समाज को संदेश दिया जा सके कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित कर सकती हैं। महिला डाकघर में स्टाफ महिला होगा, लेकिन ग्राहक महिला-पुरुष दोनों होंगे। यह डाक संभाग (गुना, अशोकनगर व शिवपुरी जिला) में पहला महिला डाकघर है।
चुनौतियों पर काबू पाने आत्मविश्वास जरूरी
इधर, पहले महिला डाकघर की पोस्ट मास्टर हिमांशी जैन ने नवदुनिया से चर्चा में कहा कि चुनौतियां तो आती हैं। लेकिन आत्मविश्वास है, तो हर चुनौती का सामना किया जा सकता है। सरकार ने महिला सशक्तिकरण की अच्छी पहल की है, जिस पर मुझे गर्व है। क्योंकि, महिलाएं आज किसी से कमतर नहीं हैं। उन्हें सशक्त बनाने सिर्फ एक कदम बढ़ाने की जरूरत है।