तीन माह में 23 बार आया, 16 हजार खर्च हुए, तब मिली मार्कशीट

ग्वालियर । जीवाजी विश्वविद्यालय की अव्यवस्थाओं से छात्र कितने परेशान हैं, इसका अंदाजा श्योपुर के छात्र त्रिलोक नागर की पीड़ा से लगाया जा सकता है। उसे तीन महीने में 23 बार जेयू आना पड़ा। आने-जाने पर 16 हजार 100 रुपए खर्च करने पड़े। छात्र ने आवेदन देकर कुलपति के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की। कुलपति के दखल के बाद उसे मार्कशीट मिल सकी। छात्र को बीएससी तृतीय सेमेस्टर के फाउंडेशन कोर्स-1 में अनुपस्थित दिखा दिया था। इस पेपर में अनुपस्थिति हटवाने के लिए जेयू ने उसे कई बार चक्कर लगवाए।


इसलिए दिखाया गया अनुपस्थित


छात्र की फाउंडेशन कोर्स-1 की कॉपी पर व्हाइटनर लगा हुआ था। कॉपी पर नंबर नहीं चढ़े थे, जिसके चलते उसे अनुपस्थित दिखा दिया। अनुपस्थित होने से उसका रिजल्ट रुक गया।


मार्कशीट में अनुपस्थित दिखाए जाने से उसकी आगे की परीक्षा प्रभावित हो गई। गलती जेयू को अपने स्तर पर सुधरवाना था, लेकिन छात्र को बार-बार जेयू आना पड़ा।


 

छात्र ने आवेदन में यह बताई पीड़ा


विषयः इस महान संस्थान में छात्र का भविष्य को खत्म करने में पूर्ण सहयोग देने बावत।


श्रीमान जी से निवेदन है कि मैं त्रिलोक नागर पीजी कॉलेज श्योपुर का छात्र हूं। जिसका तृतीय सेमेस्टर के परिणाम के एफसी-1 में अनुपस्थिति दर्शाया है। यह विश्वविद्यालय की नाकामी है। 23 नवंबर 2019 से श्योपुर से निरंतर बुलाया जा रहा है। अब तक 23 बार बुलाया जा चुका है। एक बार आने में 700 रुपए खर्च होते हैं। अब तक मेरे 16 हजार 100 रुपए खर्च हो चुके हैं। यह पैसा स्नातक डिग्री की फीस के बराबर है। अतः मेरी पुकार सुनने की कृपा करें।


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