भितरवार। शासन द्वारा शासकीय कार्यालयों के लिए निर्माण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन डी-3 नहर पर आवागमन के लिए रैंप बनाने के लिए किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान आकर्षित नहीं हुआ है। नहर के उस पार कृषि विभाग का कार्यालय तथा शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय का छात्रावास बना है। नहर के ऊपर रैंप नहीं बने होने के कारण लोगों को मात्र डेढ़-दो फीट चौड़ी पटिया के ऊपर से होकर निकलना पड़ रहा है। पुलिया पर रैंप बनाने के लिए कृषि विस्तार विभाग के अधिकारी कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
उल्लेखनीय है कि कृषि विस्तार अधिकारी कार्यालय पर पहुंचने के लिए डी-3 नहर को पार कर जाना पड़ता है। जहां नहर पर पुलिया नहीं होने की वजह से कार्यालय तक पहुंचने के लिए अस्थायी तौर पर पटिया रखकर बनाए गए रैंप से होकर निकलना पड़ता है। वहीं कार्यालय तक पहुंचने के लिए अधिकारी और कर्मचारियों सहित आम लोगों को भी कार्यालय तक पहुंचने से पहले अपने दोपहिया और चारपहिया वाहनों को नहर के दूसरी तरफ ही छोड़ना पड़ता है।
बालक छात्रावास बना है
डी-3 नहर के उस पार बने कृषि कार्यालय के समीप ही शिक्षा विभाग द्वारा लगभग 1.5 करोड़ की लागत से उत्कृष्ट विद्यालय का छात्रावास बनवाया गया है। इसके साथ ही मप्र विपणन संघ का कार्यालय और गोदाम का निर्माण कराया जा रहा है। नहर के उस पार शासन द्वारा शासकीय भवनों का निर्माण तो कराया जा रहा है, लेकिन नहर पर रैंप का निर्माण अभी तक नहीं कराया गया है।
पानी के लिए जान जोखिम में डालते लोग
कृषि विभाग कार्यालय के पास रहने वाले लोगों को पानी भरने के लिए नहर के दूसरी ओर जाना पड़ता है। पानी भरने के लिए जाने वाले लोग सिर पर घघरी रखकर डेढ़ फीट की पटिया के ऊपर होकर ही निकलना पड़ता है, क्योंकि और कोई रास्ता नहीं है।
इनका कहना है
नहर पर रैंप बनाए जाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है। जल संसाधन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया हैं।
ओपी राजपूत, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, भितरवार।