ताजुल मसाजिद को दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनवाना चाहती थीं बेगम शाहजहां; लेकिन उससे पहले ही उनका इंतकाल हो गया

भोपाल / शाहजहां बेगम ने दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाने का सपना देखते हुए ताजुल मसाजिद का निर्माण करवाया था। उस वक्त में ताजमहल, गोलघर, बाबे अली स्टेडियम सहित 27 बिल्डिंग कॉम्पलेक्स मसाजिद का हिस्सा होने वाले थे, लेकिन शाहजहां बेगम की मृत्यु के कारण यह मसाजिद पूरी नहीं बन सकी थी। हालांकि 1971 में इस मसाजिद का काम एक बार फिर से शुरू किया गया, लेकिन यह शाहजहां बेगम का सपना पूरा नहीं कर पाई और दुनिया की बजाय सिर्फ देश की सबसे बड़ी मसाजिद बनकर रह गई। ताजुल मसाजिद की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोतिया तालाब को मस्जिद के वुजू खाने के रूप में प्लान किया गया था। कहा जाता है कि एक बार मोतिया तालाब मैं शाहजहां बेगम ने एक आदमी को रूमाल धोते हुए देख लिया था, तो उसे चौराहे पर खड़ा करके सजा दी थी। उसे समझाया था कि जो पानी वुजू के लिए इस्तेमाल हो रहा हो, जिसमें लोगों को पालने की ताकत हो उसे इस तरह कपड़ा धोकर खराब नहीं करना चाहिए।


ताजुल मसाजिद...।


इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया था भोपाल बेगम शाहजहां ने। वे इसे दुनिया की सबसे बड़ी मसाजिद के तौर पर बनवाना चाहती थीं, लेकिन उनकी मृत्यु होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया।


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